शारदा सिन्हा
यादो का लेकर साया,
कर गयी हमको पराया
हमारी लाडली......
तुमने जब जब गुनगुनाया
हमने दउरा ( छठ का ड़ाला) उठाया
कदम और तेज हुए,कदम और तेज हुए
हमको वजन न बुझाया,जल्दी से छठ घाट पहुंचाया
तू सब की लाडली..............
कैसे अनसुना कर पाएंगे जो बोल! तूने सुनाया
छोड़ गयी सबको क्या गलती हुई! नहीं बताया
नए घर क्यों गयी,नए घर क्यों गयी
क्यों नहीं तूने बताया, सबको रुलाया
तू सब की लाडली.................
🙏🙏🙏
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