Dhoni
Dhoni - The Myth,The Legend,The leader
महेन्द्र सिंह धोनी केवल एक नाम नहीं वो एक उम्मीद है छोटे शहरों के बड़े खिलाड़ी बनने की,वो एक खिलाड़ी नहीं खिलाड़ी तैयार करने की मशीन है.कप्तान नहीं अपितु एक नेतृत्वकर्ता अर्थात लीडर के रूप में सबसे आगे खड़े रखनेवाले योद्धा है ।ये उनकी नेतृत्व क्षमता का ही कमाल है जिससे उन्होने भारतीय टीम और अपनी आईपीएल टीम चेन्नई सुपरकिंग्स को कई मैच विजेता खिलाड़ी दिये।
रैना,अश्विन,जडेजा जैसे खिलाड़ी ही नहीं रोहित और विराट जैसा कप्तान दिया जिसने भारतीय टीम की उम्मीद को पंख लगाए रखा, उन्हें लगातार समर्थन देने और निखारने का श्रेय धोनी को ही जाता है।
धोनी ने ऐसे समय में खिलाड़ी का साथ दिया जब मीडिया से लेकर क्रिकेट की गालियों मे लगातार आलोचना झेल रहे रोहित को टीम मे ही नहीं रखा बल्कि मिडल ऑर्डर से सीधा ओपनिंग कराने का साहस दिखा कर भारतीय टीम को एक इतिहास के पन्नों में नाम दर्ज करने वाला खिलाड़ी दे दिया.

अपने कैरियर के ढलान पर खड़े रहाणे से लेकर रोबिन उथप्पा तक या अंबाती रायडू या विदेशी खिलाड़ी शेन वाटसन तक सबके लिए संजीवनी बुटी का काम किया धोनी ने. वही दूसरी तरफ चयनकर्ताओं को अपनी तरफ आकर्षित न कर पाने वाले शिवम दुबे को दूसरा युवराज कहे जाने तक की कहानी के नायक धोनी साबित हुए धोनी ने उन तमाम खिलाड़ियों के साथ भी खिताब जीते जिन्हें ‘क्रिकेट के जानकार' बीता हुआ कल कह चुके थे.

धौनी की कप्तानी में जंहा नए खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया गया वही सीनियर्स को बाहर करने का जोखिम भी लिया, जो कि भारतीय क्रिकेट में सबसे मुश्किल कामों में से एक था.।उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम में कप्तानी का भी स्वाभाविक और समतापूर्ण हस्तांतरण किया जो एक एतिहासिक निर्णय रहा. कोहली को कप्तान के रूप में तराश कर उर्जावान नेतृत्व का परिचय दिया

2007 टी-20 विश्व कप फाइनल में जोगिन्दर शर्मा से अंतिम ओवर कराने को कई लोग किस्मत कहते है तब उन्हें यह याद रखना होगा कि यह धोनी की किस्मत या कप्तानी ही है जिसने क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर का दशकों का सपना अंततः 2011 में सच कर दिया।
दो विश्वकप की टीम से लेकर आईपीएल तक मे वृद्ध टीम जैसी टिप्पणियों से नवाजी गई टीम को विजेता बनाने तक ऐसे असंख्य क्षण याद किये जायेंगे, जब उन्होंने अपने दांव से विरोधियों को चित्त कर दिया।
उनकी निर्णय लेने की क्षमता ने ही DRS को DHONI REVIEW SYSTEM बना दिया. उनकी नेतृत्व क्षमता ही है जो उनका सिर्फ विकेट के पीछे खड़े रहने को उनकी आईपीएल टीम उन पर खर्च करती है.
हाल ही मे उन्होने अपनी आईपीएल टीम के कप्तान के रूप में ऋतुराज को बैठा कर अपने एक और निर्णय को क्रिकेट पंडितों को सोचने के लिए छोड़ दिया. धोनी के इस तरह निर्णय लेने की कला,उनका इस तरह शांत हो कर अपना कार्य करना उन्हें आम लोगों से अलग करती है.
बाकी फिर कभी...........
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