मैं और उसका कंधा
एक ख्वाहिश है की..................
उसके कंधे पर सिर रख कर जी भरकर रो लू,
और मेरे आंसू खतम हो जाए,
जैसे पहाड़ों से टकराकर बादल बरस ज़ाते है मैं उसके गले लग कर आँखों के आंसू को रोक न पाऊँ मैं रोते रोते चुप हो जाऊँ इतना रो लू की मुझे फिर रोना न पड़े.
जीवन में कोई भी परिस्थिति मुझे रुला न पाए और फिर
मैं दूर बहुत दूर चला जाऊँ............
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