मजदूर दिवस
कोई भी तेरी, राह ना देखे
तेरे लिए ना कोई पलकें बिछाए
तूने ही तो कितने घर बनाए
तुझे अब घर तक कौन पहुंचाए
तूने कितनों के किस्मत बदल दिए
तेरी किस्मत पर वो अपनी नजर छुपाये
तूने ना जाने कितने रास्ते बनाए
तुझे अब रास्ता कौन दिखाए
तूने ही तो ये शहर बसाये
तुझे तेरे गाँव कौन पहुंचाए
सबका भार तूने उठाया
तेरा बोझ कौन उठाए
पासपोर्ट वाले को पुष्पक से ले आए
तेरे राशन कार्ड का नहीं किसी के पास उपाय
आज का दिन सब मजदूर का बताये
तेरे नाम पर नेताओ की नेतागिरी चमक जाए l
#नीलेश सिंह
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