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आवाज तक नहीं होगी, 
जब हम टूट कर बिखर जाएंगे
हमने रास्ता ही गलत चुन लिया तो, 
हम मंजिल पर कैसे पहुंच पाएंगे 
हम ऐसे लोगों को समय देंगे, 
जो समय पर साथ छोड़ जाएंगे , 
पसंद जब उनके लिए ही किया जाएगा
 कैसे हम उसकी मजबूरी समझ जाएंगे 
उन्हें फर्क़ नहीं मेरे होने न होने का 
वो औरों के साथ भी उसी तरह गुनगुनायेगे 
वो जिएंगे खुशियो से नए तराने के साथ 
हम जिंदा हो कर भी मर जायेंगे. 



      नीलेश सिंह 



नीलेश सिंह

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