कुर्ति वाली लड़की
नाजुक सी है वो दुबली पतली काया रखती है
आँखों के इशारे से बहुत कुछ कह देती है
मासूम सा चेहरा है गुस्सा बड़ा तीखा है
बिना लाय लपेट कर बोलना क्या पता कंहा सीखा है
उसकी बुलंद आवाज का हर कोई कायल है
उसके ठहाके वाली मुस्कान पर मेरा दिल घायल है
है वो थोड़ी चंचल थोड़ी नटखट
जैसे मोबाइल कोई स्क्रीन टच
लंबी है वो उसकी आंखे बड़ी कमाल
क्यूट लगती है जब जीन्स पर होता कुर्ति का रंग लाल
बड़ा भाई, छोटी बहन बीच में है इनका स्थान
रामायण, गीता, धर्म कर्म में रहता इनका ध्यान
जैसे जिंदा रहने के लिए जरूरी है दिल का धड़कना
वैसे सबकी प्यारी है............
गीत ग़ज़ल सब वो तारीफों के हकदार हैं
साथ अगर मेरे हो तो हम भी लगते जमींदार है
लंबी कुर्ति देखकर दिल की धड़कन बढ़ जाए
देख कर इनकी सादगी चांद भी नजर झुकाए
इनके लिए क्या कहू शायद शब्द का अभाव है
मधु की कोख का ये अक्षर लाजवाब है
पूरे परिवार को है इन पर गुरूर
घर से दूर रहना नहीं किसी को मंजूर
इनका पूरा हो हर सपना, जो सपना इन्होंने मन में पाला,
उसे लगे न किसी की नज़र, बुरी नज़र वाले तेरा मुँह काला.
इनके लिए भगवान को दी हमने एक अर्जी
मिले आपको हर खुशी, पूरी हो आपकी हर मर्जी
हसते मुस्कराते कट जाए आपके रास्ते
खुशियां मिले इतनी जैसे बनी हो वो आपके वास्ते
और इनके लिए हमारी दुआ काम आए
चांद सितारों की तरह चमकता इनका नाम आए
जिसे देखने को मचल उठे अरमाँ
ऐसी शख्सियत का नाम है..........
✒️नीलेश सिंह
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