आंसू

मैंने अपने आंसू 
उसको समर्पित किए..

 जिसमें मैंने केवल प्रेमी 
जैसा प्रेम ही नही!.
अपितु मां के मन में बेटे को खोने जैसा डर भी देखा था 

और मेरे आंसू गलत नहीं हो सकते 

     ✒️ नीलेश सिंह 

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