व्रत

कभी पति कभी बेटे के लिए व्रत रखती है
खुद को भी सलामत दूसरों के लिए रखती है 
वो जी लेती है लंबी उम्र बिना किसी दुआ के 
खुद की उम्र भी औरों को ही दी देती है 


✒️नीलेश सिंह 
पटना विश्वविद्यालय 





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