रंग

रंग छूने से डरते है हम क्योंकि, 
रंग बदलने वाले हमको मिलते है 
चाहने वालों से डरते है हम क्योंकि, 
निभाने वाले हमको नहीं मिलते है

  
       नीलेश सिंह 
   पटना विश्वविधालय 

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