ऐ जी

मैंने भीख मोहब्बत की मांगी उनसे,मगर
वो खुद ही भिखारी निकला
मैं दर्द उसको अपने सुनाता रहा मगर 
वो भावनाओ से खेलने वाला खिलाड़ी निकला, 
बता रहे थे खुद को जो जमीन वाले,मग़र 
वो ज़मीर बेचने वाला व्यापारी निकला. 

नीलेश सिंह 
पटना विश्वविधालय 

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